प्रवासी मजदूर गाँव की ओर. लेकिन घर अभी दूर..

Report by Hindu solanki.
लोग जैसे तैसे करके अपने घर पहुंचने की जद्दोजहद में
लॉक डाउन के बाद देश के मजदूर सड़को पर पैदल अपने घर की ओर जा रहे है , ये तस्वीर सरकारी सहायता जो लोगो घर पर भेजने की बात करने वालो कि पोल खोलती है-

लोग कैसे भी करके अपने घर जाना चाहते है क्योंकि अब उनको रोजगार नही मिल रहा है तो पैसे भी नही , इस कारण से घर पे कुछ खाने को मिल जाएगा इस हिसाब से निकल पड़े है पैदल ही अपने घर की ओर, क्योंकि न तो सरकार उनकी सहायता कर रही ओर नही ही कोई और , बच्चे साइकिल चलाके हज़ारो किलोमीटर का सफर तय कर रहे है , तो कई लोग नदी पार करके छुपके से आगे बढ़ रहे है , इस उम्मीद में की जल्दी घर पहुंच जाएं..
जो भी मिला उसपे सवार होकर कोई पुलिस की मदद से तो कोई किराए से ट्रकों रिक्शा आदि साधन लेकर चल पड़े है , नही पता वो कहा तक छोड़ेंगे, लेकिन जाना घर ही है ।
रात में जंगल हो या कोई खतरनाक रोड़ कोई परवाह किये बिना गरीब लोगों का ये पलायन देश की कुछ असलियत दिखाती है , जो ज्यादातर कहीं दब जाती है किसी देश विरोधी मुद्दे के बीच।
इतिहास ये याद रखेगा की सरकार जो 50 दिन बित जाने के बाद भी नही जगी , तो ग़रीब का क्या हाल जानने वाला है कोई या राजनीति की रोटी सेकने के लिए हैं गरीब ।